उस गली में आना जाना मैंने छोड़ दिया है उसकी याद आए तो दिल को समझा लेता हूं वहां से गुजरने से क्या फायदा जहां राहों में कांटे बिछाए गए हैं जख्म पर जख्म देकर मरहम लगाए गए हैं झूठे वादों के चकाचौंध में फंसाए गए हैं
वह मुझसे मिलने का कोई ना कोई बहाना ढूंढ लेते हैं मैं भी अपनी जान से भी ज्यादा उनसे प्यार करती हूं हर घड़ी सिर्फ उनका ख्याल रहता है जिसे हो जाए हमारी चाहते पूरी हम कोई ना कोई ऐसा अफसाना ढूंढ लेते हैं